Monday, June 11, 2007

अपनी ज़ुल्फ़ों को सितारों के हवाले कर दो / अब्दुल हमीद आदम





अपनी ज़ुल्फ़ों को सितारों के हवाले कर दो
शहर-ए-गुल बादागुसारों के हवाले कर दो

[बादागुसारों = शराबियों]

तल्ख़ि-ए-होश हो या मस्ती-ए-इदराक-ए-जुनूँ
आज हर चीज़ बहारों के हवाले कर दो

[तल्ख़ी-ए-होश = सत्य की कटुता]
[इदराक-ए-जुनूँ = दिमाग का पागलपन]

मुझ को यारो न करो रहनुमाओं के सुपुर्द
मुझ को तुम रहगुज़ारों के हवाले कर दो

[रहनुमा = पथ प्रदर्शक; सुपुर्द = कि देख रेख में]
[रहगुज़ार = यात्री/पथिक]

जागने वालों का तूफ़ाँ से कर दो रिश्ता
सोने वालों को किनारों के हवाले कर दो

मेरी तौबा का बजा है यही एजाज़ "आदम"
मेरा साग़र मेरे यारों के हवाले कर दो

[बजा = वास्तविक; एजाज़ = सम्मान; साग़र = (यहाँ) शराब का प्याला]

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