Monday, May 14, 2007

आंख से दूर ना हो दिल से उतर जाएगा / अहमद फ़राज़

आंख से दूर ना हो दिल से उतर जाएगा
वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा

इतना मानूस ना हो खिल्वत -ए -गम से अपनी
तू कभी खुद को भी देखेगा तो डर जाएगा

[मानूस =नजदीक ; खिल्वत -ए -गम =अकेलेपन का दुःख]

तुम सर -ए -राह -ए -वफ़ा देखते रह जाओगे
और वो बाम -ए -राफाकत से उतर जाएगा

[सर -ए- राह- ए -वफ़ा =प्यार की राह ; बाम -ए -राफाकत =प्यार के लिए ज़िम्मेदारी ]

ज़िंदगी तेरी अता है तो ये जानेवाला
तेरी बख्शीश तेरी दहलीज़ पे धर जाएगा

[अता =उपहार ; बख्शीश = टिप ; दहलीज़ = चौखट /doorstep]

डूबते -डूबते कश्ती तो ओछाला दे दूँ
मैं नहीं कोई तो साहिल पे उतर जाएगा

[ओछाला = ऊपर कि तरफ धक्का ]

ज़ब्त लाजिम है मगर दुःख है क़यामत का 'फ़राज़'
ज़ालिम अब के भी ना रोयेगा तो मर जाएगा

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